ये दिल कहता है, की काश तुम यहाँ होती।
काश उन काजल लगी आँखों से मुझे घूरती।
की काश तुम आज फिर से खफा होती।।
हर-इक वो मंजर जो, कैद है मेरी आँखों मे।
हर-इक एहसास जो, बसा है मेरी साँसों में।।
अब तो हर घड़ी एक, टिस सी है इस दिल में।
की काश वो शाम आज फिर से जवाँ होती।।
ये दिल कहता है, की काश तुम यहाँ होती।
दिल में जो कशक है, आज वो बयाँ होती।।
खनक तेरी चूड़ियों की, आज भी है कानो में।
तरसता उस मिठास को, जो थी तेरी जुबानों में।।
ख्वाहिश हर वक्त यहीं रहता है, मेरे इस दिल में।
की काश मैं परवाना, और तुम फिर से शमां होती।।
ये दिल कहता है, की काश तुम यहाँ होती।